top of page
Search

सनातन ज्ञानकोष

"निर्विषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा।

विषं भवतु मा वास्तु फटाटोपो भयंकरः।"


ree

अथार्त - "सांप जहरीला न भी हो परंतु फुफकारता और फन उठाता रहे तो लोग इतने से ही डर कर भाग जाते हैं । वह इतना भी न करे तो लोग उसकी रीढ़ को जूतों से कुचल कर तोड़ दें ।"

 
 
 

Kommentare


CALL US 7042088704

Find Us 

@trusthindu on Twitter

© 2023 by Sanatan Hindu

bottom of page