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सनातन ज्ञानकोष

"निर्विषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा।

विषं भवतु मा वास्तु फटाटोपो भयंकरः।"



अथार्त - "सांप जहरीला न भी हो परंतु फुफकारता और फन उठाता रहे तो लोग इतने से ही डर कर भाग जाते हैं । वह इतना भी न करे तो लोग उसकी रीढ़ को जूतों से कुचल कर तोड़ दें ।"

 
 
 

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