top of page
Search

सनातन ज्ञानकोष

"लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता।

पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम्॥"

अर्थात - "जिन स्थानों पर आजीविका न मिले, लोगों में भय, लज्जा, उदारता तथा दान देने की प्रवृत्ति न हो, ऐसे पांच स्थानों को मनुष्य को अपने निवास के लिए नहीं चुनना चाहिए ।"

 
 
 

Recent Posts

See All
ॐ हनुमते नमः

श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये श्री हनुमान जन्मोत्सव की सभी श्रद्धालुओं एवं देश वासियों को मंगलमय शुभकामनाएं! प्रभु श्री राम के परम भक्त,...

 
 
 

Comments


CALL US 7042088704

Find Us 

@trusthindu on Twitter

© 2023 by Sanatan Hindu

bottom of page